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कविता

जल की प्रतीक्षा

ए. अरविंदाक्षन


नाले में
थोड़-सा जलांश है
बेहतर है उसे कीचड़ कहना
बहुत-सी छोटी-छोटी मछलियाँ
छोटे-छोटे मेढक
कीचड़ में
जल के लिए संघर्षरत हैं
वे आपस में कह रहे हैं
वर्षा होगी
जल भर आएगा

 


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