नाले में थोड़-सा जलांश है बेहतर है उसे कीचड़ कहना बहुत-सी छोटी-छोटी मछलियाँ छोटे-छोटे मेढक कीचड़ में जल के लिए संघर्षरत हैं वे आपस में कह रहे हैं वर्षा होगी जल भर आएगा
हिंदी समय में ए. अरविंदाक्षन की रचनाएँ